खोया हुआ खजाना


बहुत समय पहले, हिमालय की वादियों में बसे एक छोटे से गाँव में अर्जुन नाम का एक युवक रहता था। अर्जुन बहादुर और साहसी था, लेकिन उसके पास कुछ खास नहीं था। वह हमेशा किसी बड़े रोमांच की तलाश में रहता था।

एक दिन गाँव के बूढ़े साधु ने अर्जुन को एक प्राचीन मानचित्र दिया। उस मानचित्र पर एक रहस्यमयी खजाने का रास्ता दिखाया गया था। साधु ने बताया, “यह खजाना अनमोल है, लेकिन इसे पाना आसान नहीं होगा। रास्ते में कई कठिनाइयाँ आएंगी।”

अर्जुन ने मानचित्र लिया और अगले ही दिन यात्रा पर निकल पड़ा।

पहला पड़ाव: घने जंगल
मानचित्र के अनुसार, उसे सबसे पहले एक घने जंगल को पार करना था। जंगल में कई खतरनाक जानवर थे। एक रात जब अर्जुन ने एक पेड़ के नीचे डेरा डाला, तो उसने शेर की दहाड़ सुनी। शेर उसकी ओर बढ़ रहा था। अर्जुन ने हिम्मत से अपनी मशाल जलाकर शेर को डराया और जान बचाई।

.दूसरा पड़ाव: विशाल नदी
जंगल के बाद एक बड़ी नदी थी, जिसे पार करना बेहद मुश्किल था। नदी के पानी में तेज धार थी। अर्जुन ने पास के पेड़ों से लकड़ी काटकर एक नाव बनाई। जब वह नदी पार कर रहा था, तभी एक बड़ा मगरमच्छ उसकी नाव के पास आया। अर्जुन ने अपनी तलवार से मगरमच्छ को भगाया और किसी तरह नदी पार की।

.तीसरा पड़ाव; रहस्यमयी गुफा
मानचित्र ने अर्जुन को एक गुफा तक पहुंचाया। गुफा के बाहर लिखा था, “जो साहस और बुद्धिमानी दिखाएगा, वही खजाने तक पहुंचेगा।” गुफा के अंदर कई जाल और पहेलियाँ थीं। अर्जुन ने अपनी चतुराई से सभी पहेलियाँ सुलझाईं।

.खजाना
गुफा के अंत में अर्जुन को एक बड़ा सा संदूक मिला। जब उसने संदूक खोला, तो उसमें सिर्फ सोना और हीरे नहीं थे, बल्कि प्राचीन ज्ञान के ग्रंथ भी थे। एक संदेश लिखा था:
“सच्चा खजाना धन नहीं, बल्कि ज्ञान और साहस है।”

अर्जुन खजाने के साथ गाँव लौटा और अपने ज्ञान से गाँव के लोगों की मदद करने लगा। वह अमीर नहीं, बल्कि एक महान व्यक्ति बन गया।

सीखl
सच्चा खजाना हमारी बुद्धिमानी, साहस और दूसरों की मदद करने की भावना में छिपा होता है।

Updated: January 11, 2025 — 8:04 pm

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