
Bhot samay pahle ek ganv me
राहुल naam ka एक आम आदमी था, लेकिन उसकी ज़िंदगी में कुछ भी आम नहीं था। पिछले कुछ दिनों से उसने महसूस किया था कि उसकी परछाईं उसके नियंत्रण में नहीं है। जब वह चलता, उसकी परछाईं कभी उससे आगे निकल जाती, कभी पीछे रह जाती, और कभी_कभी तो स्थिर होकर उसे घूरती रहती।……
शुरुआत में उसने इसे नज़रअंदाज़ किया, लेकिन एक रात जब उसने आईने में देखा, तो उसकी परछाईं वहाँ नहीं थी। वह घबरा गया और पीछे मुड़ा_उसकी परछाईं दीवार पर खड़ी उसे देख रही थी। उसने घबराकर लाइट जलाई, लेकिन परछाईं धीरे-धीरे मुस्कुराने लगी।
“Tum kaon ho” राहुल कांपते हुए बोला।
परछाईं ने जवाब दिया, “मैं तुमसे ज्यादा हूँ, और अब मुझे आज़ाद होना है।…..
राहुल कुछ समझ पाता, इससे पहले ही उसकी परछाईं दीवार से निकलकर एक ठोस आकार लेने लगी। Vah ab same to same Rahul jaysi dikh rahi thi, बस उसकी आँखें गहरी काली थीं।……..
“अब तुम मेरी परछाईं बनोगे,” परछाईं ने कहा और आगे बढ़ी।
अगली सुबह, राहुल का शरीर तो वैसा ही था, लेकिन उसके भीतर कोई और था। असली राहुल अब महज़ एक परछाईं बन चुका था, और कोई उसे देख भी नहीं सकता था।
परछाईं मुस्कुराई और दुनिया में अपने नए जीवन की शुरुआत करने निकल पड़ी।……