Struggled for family

If there was a biography about you, what would the title be?

परिवार   की  खातिर  परदेश  की राह

Ek ganv ke chote se gher me janme

ranu kabachpan badi,musibato me bita, उनका परिवार साधारण था, जिसमें माता-पिता और दो छोटे भाई-बहन थे। उनके पिता खेतों में मजदूरी करते थे और माँ घर चलाने के लिए छोटे-मोटे काम करती थीं। par gher ki financial condition bhot kamjor thi,कि कई बार दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो जाता था।

Rane school me sabse Accha student tha, लेकिन गरीबी के कारण उच्च शिक्षा पूरी नहीं कर पाया। घर की हालत देखकर उसने जल्दी ही काम करने का फैसला किया। पहले उसने गाँव में ही मजदूरी की, फिर शहर जाकर फैक्ट्री में काम करने लगा। लेकिन जो भी कमाई होती, वह परिवार की जरूरतों के आगे कम पड़ जाती।

dicied To go foreign

Ranu ka Sapna tha uska parivaar ek acchi jindagi jiye,

उसके भाई-बहन पढ़-लिखकर अपने सपनों को पूरा कर सकें। इसी सपने को साकार करने के लिए उसने विदेश जाने का मन बनाया। उसने सुना था कि विदेशों में मजदूरी करने वाले लोग अच्छी कमाई कर सकते हैं। लेकिन विदेश जाना आसान नहीं था,इसके लिए पैसे चाहिए थे, पासपोर्ट बनवाना था, और नौकरी ढूंढनी थी….



Ranu ने अपने घर और दोस्तों से कर्ज लिया और एजेंट की मदद से विदेश जाने की प्रक्रिया शुरू की। बहुत संघर्षों के बाद आखिरकार उसे एक खाड़ी देश में नौकरी मिल गई। उसने अपने परिवार को वचन दिया कि वह जल्द ही उनकी परेशानियों का हल निकालेगा।

Struggled for foreign

Jab ranu pahli Baar videsh Aya , तो उसे बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। नई जगह, नई भाषा और अलग संस्कृति को अपनाना आसान नहीं था। उसे एक निर्माण कंपनी में काम मिला, जहाँ उसे दिनभर कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी। dhup me Pura din kaam Kar ke पसीना बहाकर, मजदूरी करके, वह अपने परिवार के लिए पैसे बचाता था…..

her month apni70%salry wah gher bhejta tha,taki uski family Aram se rah sake। धीरे-धीरे उसकी मेहनत रंग लाने लगी।

उसके भाई-बहन की पढ़ाई अच्छे से चलने लगी, ab gherki स्थिति सुधरने लगी। लेकिन इस सबके बीच, वह अपने परिवार से दूर था, अकेलापन उसे खाए जा रहा था,….

Sacrifice for family

Ranu को अपने माता-पिता की बहुत याद आती थी, लेकिन वह जानता था कि अगर वह वापस लौट आया, तो परिवार फिर से आर्थिक संकट में आ जाएगा।..

usne Apne dreem KO sacrifice kerke apne faymli KO khus rakhne ka Faisal kiya कई त्योहार ऐसे बीते जब वह अपने परिवार से दूर रहा, लेकिन उसने अपने मन को मजबूत रखा…..

kush years bad ranu ne khub  mehnat Karke ke Kuch paise jode ke ganv me gher Bana sake

  अब उसके परिवार को किराए के घर में नहीं रहना पड़ा। उसने अपने छोटे भाई को एक अच्छे school में दाखिला दिलाया और बहन की शादी में मदद की…

Success and respect

dhire dhire ranui ki kosis kamyabi me badal gai aur usne परिवार को आत्मनिर्भर बना दिया। अब उसके माता-पिता को किसी चीज़ की चिंता नहीं थी। गाँव में लोग उसकी मिसाल देने लगे। उसकी कहानी प्रेरणा बन गई कि कैसे कठिन परिश्रम और बलिदान से जीवन की कठिनाइयों को पार किया जा सकता है…….

jab use laga ki uska parivaar ab majboot ho chika hai, तब वह आखिरकार अपने वतन लौटने का फैसला करता है। kai years baad Jab ganv JATA hai, तो उसका स्वागत एक नायक की तरह हुआ। उसके परिवार की खुशियाँ उसके लिए सबसे बड़ी सफलता थीं।

निष्कर्ष……..

Ranu ki kahani un lakho majdur ki kahani hai Jo Apne parvaar ke liye gher chod Kar Apne desh se dur rahte hai taki unaka parivaar khushal rahe…..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *